1st Unit Test -2021 -Subject- Elective Hindi - Class IX - Time: 2 Hours -Marks -45
1. पूर्ण वाक्यों में उत्तर दो ৷
क. सुख का स्वाद किसे अधिक मिलता है ?
उत्तर: जो सुखो का मूल्य पहले चुकाते हैं और उनके मजे बाद में लेते हैं उन्हें सुख का स्वाद अधिक मिलता हैं
ख. महाभारत में पांडवों की जीत क्यों हुई ?
उत्तर: क्योंकि उन्होंने लाक्षागृह की मुशीबत झेली थी , क्योंकि उन्होंने वनवास के जोखिम को पार किया था ৷
ग. पानी में जो अमृत तत्व है उसे कौन जानता है ?
उत्तर: पानी में अमृत वाला तत्व है उसे वह जानता है जो धूप में खूब सूख चुका है ৷
घ. 'गोधुली वाली दुनिया के लोगों' से अभिप्राय क्या हैं ?
उत्तर: जवान को दॉव पर लगाने वाले लोग .
ड. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म कब हुआ था ?
उत्तर ः 1908 ई. मे ।
च. हिम्मत और जिंदगी केसा निबंध है ?
उत्तर ः विचारोत्तेजक निबंध है ।
छ. कांच का महल किसका प्रतीक है ?
उत्तर ः संसार ।
ज. एक कांच के महल में कितने कुत्ते घुसे थे ?
उत्तर ः दो
झ. लेखक बीमार पड़ने पर कौन सा बिस्कुट खाना चाहता है ?
उत्तर ः हंटले
ञ. बागबाजार का रसगुल्ला किसके यहां से आया था ?
उत्तर ः प्रसाद जी के यहां से ।
2. संक्षेप में उत्तर दें ( किन्ही पांच के )
क. लेखक ने अकेले चलनेवाले की तुलना सिहं से क्यों की हैं ?
उत्तर ः झुंड में चलना और झुंड में चरना, यह भैंस और भेड़ का काम है। सिंह तो बिल्कुल अकेला होने पर भी मगन रहता है। क्योंकि अकेला चलने वाला व्यक्ति का ध्यान कभी नहीं भटकता बिल्कुल सिंह की तरह .
ख. जिंदगी का भेद किसे मालूम है ?
उत्तर ः जिंदगी से, अंत में, हम उतना ही पाते हैं, जितनी कि उसमें पूँजी लगाते हैं। यह पूँजी लगाना जिंदगी के संकटों का सामना करना है, उसके उस पन्ने को उलट कर पढ़ना है, जिसके सभी अक्षर फूलों से ही नहीं, कुछ अंगारों से भी लिखे गए हैं। जिंदगी का भेद कुछ उसे ही मालूम है जो यह जानकर चलता है कि जिंदगी कभी भी खत्म न होने वाली चीज है।
ग. लेखक ने जीवन के साधकों को क्या चुनौती दी हैं ?
उत्तर ः लेखक ने जीवन के साधकों को ऐसे चुनौती दी हैं - '' अरे! ओ जीवन के साधको! अगर किनारे की मरी हुई सीपियों से ही तुम्हें संतोष हो जाए तो समुद्र के अंतराल में छिपे हुए मौक्तिक- कोष को कौन बाहर लाएगा ''
घ. अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य क्या था ?
उत्तर ः अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि, "वह दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी कर उनका दिल नहीं दुखाता।
ड. कवि का नाम रसखान किस प्रकार पूर्णत: सार्थक बन पड़ा हैं ?
उत्तर ः प्रेम-भक्ति के कवि रसखान की चार रचनाएँ प्रामाणिक मानी जाती हैं- 'सुजान-रसखान', 'प्रेमवाटिका', 'दानलीला' और 'अष्टयाम'। आपकी काव्य-भाषा साहित्यिक ब्रज है, जिसमें सहजता, मधुरता और सरसता सर्वत्र विराजमान है। आपने दोहा, कवित्त और सवैया छंदों का ही अधिक प्रयोग किया है। भावुक हृदय से बनी उनकी रचनाओं में भक्ति-रस, प्रेम-रस और काव्य-रस तीनों भरपूर विद्यमान हैं। अत: कवि का नाम 'रसखान' (रस की खान) पूर्णत: सार्थक बन पड़ा है।
च. डॉक्टर चूहा नाथ कतर जी ने लेखक का इलाज कैसे किया ?
उत्तर ः
3. सप्रसंग व्याख्या करो
(क) साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है।
उत्तर ः प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक 'आलोक' के अंतर्गत रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित हिम्मत और जिंदगी शार्षक पाठ से लिया गया है ৷
साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। ऐसी जिंदगी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि वह बिल्कुल निडर, बिल्कुल बेखौफ होती है। साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। जनमत की उपेक्षा करके जीनेवाला आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है। अड़ोस-पड़ोस को देखकर चलना, यह साधारण जीव का काम है। क्रांति करने वाले अपने उद्देश्य की तुलना न तो पड़ोसी के उद्देश्य से करते हैं और न अपनी चाल को ही पड़ोसी की चाल देखकर मद्धिम बनाते हैं। साहसी मनुष्य उन सपनों में भी रस लेता है, जिन सपनों का कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं है। साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है।
4. कवि रसखान का साहित्यिक परिचय प्रस्तुत करो ৷
उत्तर ः हिन्दी साहित्य में कृष्णभक्ति-काव्यधारा के अंतर्गत सूरदास, कुंभनदास, परमानंददास, कृष्णदास, नंददास, हितहरिवंश, मीराँबाई आदि अनेकानेक कवि- कवयित्री हुए। उनमें अनन्य कृष्णभक्त मुसलमान कवि रसखान जी का स्थान अन्यतम है। आप कोमल हृदयवाले, भावुक प्रकृति के इंसान थे। इसलिए दिल्ली के बादशाह-वंश में जन्म लेते हुए भी उन्होंने अपने को राज्यलिप्सा और राज-वंश के अभिमान से दूर रखा। प्रसिद्ध है कि वे श्रीमद्भागवत का फारसी अनुवाद पढ़कर गोपियों के कृष्ण-प्रेम से अभिभूत हुए थे और अपने को भी श्रीकृष्ण की भक्ति में निमज्जित कर दिया था। कवि रसखान जी के जन्म-समय, शिक्षा-दीक्षा, आजीविका, निधन- काल आदि बातों को लेकर विद्वानों में आज भी मतभेद बना हुआ है। कहा जाता है कि 1533 ई. के आस-पास आपका जन्म हुआ था और 1618 ई. के आस-पास आपकी मृत्यु हुई थी। प्रसिद्ध है कि गोकुल में आपने गोस्वामी विट्ठलनाथ जी से भक्ति की दीक्षा ग्रहण की थी। यह बात भी प्रसिद्ध है कि रामभक्त कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रसखान को यमुना के तट पर स्वरचित 'रामचरितमानस' की कथा सर्वप्रथम सुनायी थी। अपने आराध्य से संबंधित सारे उपकरण और सभी स्थान, जैसे-गोकुल, गोवर्धन, ब्रज, वृन्दावन आदि रसखान जी को अत्यंत प्रिय रहे। प्रेम-भक्ति के कवि रसखान की चार रचनाएँ प्रामाणिक मानी जाती हैं- 'सुजान-रसखान', 'प्रेमवाटिका', 'दानलीला' और 'अष्टयाम'। आपकी काव्य-भाषा साहित्यिक ब्रज है, जिसमें सहजता, मधुरता और सरसता सर्वत्र विराजमान है। आपने दोहा, कवित्त और सवैया छंदों का ही अधिक प्रयोग किया है। भावुक हृदय से बनी उनकी रचनाओं में भक्ति-रस, प्रेम-रस और काव्य-रस तीनों भरपूर विद्यमान हैं। अत: कवि का नाम 'रसखान' (रस की खान) पूर्णत: सार्थक बन पड़ा है।
5. कवि के अनुसार जग को निरा सपना क्यों नहीं समझना चाहिए?
अथवा
अपने गौरव का किस प्रकार ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर ः
6. किसने, किससे और कब कहा (किन्हीं एक का)
(क) अभी अस्पताल खुला न होगा, नहीं तो आपको दवा मंगानी न पड़ती
(ख) मैं तो पहले ही सोच रही थी कि यह कुछ ऊपरी खेल है।
उत्तर ः (ख) जब लेखक की नानी की मौसी उन्हें देखने के लिए आये थे तब नानी ने यह बात लेखक से कही थी।
7. कवि ने श्री कृष्ण के बाल-रूप की माधुरी का वर्णन किस रूप में किया है।
अथवा
आशय स्पष्ट करो-
शहद की एक बूंद ज्यादा मक्खियों को आकर्षित करती है, बजाए एक सेर जहर के।
उत्तर ः
8. वचन परिवर्तन करो।
लड़की, लता, बात, आंख
उत्तर ः
लड़की - लड़कियाँ
लता - लताएँ
बात - बातें
आंख - आँखें
9. कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर ः "संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप द्वारा उनका अन्य शब्दों से संबंध ज्ञात होता है, उसे कारक कहते हैं।" कारकों
का अपना अपना एक विषेश चिह्न होता है, जिसे विभक्ति कहते हैं। इन्हीं विभक्ति चिह्नों से शब्दों के संबंध का पता चलता है।
जैसे-
मैंने तुमको एक पत्र लिखा।
राम ने मोहन को एक पत्र लिखा।
ऊपर के वाक्यों में 'ने' और 'को' विभक्ति चिह्न हैं। ये क्रमश: कर्ता और कर्म कारक के चिह्न हैं। इससे प्रथम वाक्य में
सर्वनाम से सर्वनाम का और दूसरे वाक्य में संज्ञा का संबंध ज्ञात होता है।
10.निम्नलिखित में से किन्हीं दो के संधि करो।
सूर्य+उदय, महा+इन्द्र, नौ+ इक
उत्तर ः सूर्य+उदय - सूर्यादय
महा+इन्द्र - महेंद्र
11. प्रत्यय किसे कहते हैं?
उत्तर ः मूल शब्द या धातु के साथ जो शब्द-खंड लगते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। इन वाक्यों को यदि मूल शब्द से अलग कर लें तो कोई अर्थ नहीं होता। जैसे-
तुमने पत्र लिखकर कहाँ भेजा?
ऊपर के वाक्यों में - ने, कर, आ (भेज + आ) प्रत्यय है।
12. किन्हीं दो मुहावरों के प्रयोग से वाक्य बनाओ।
आग बबूला होना, ईद का चांद होना, उल्लू बनाना
अथवा
निम्नलिखित उपसर्गों से एक-एक शब्द बनाओ।
अति, बद, नि, अप
उत्तर ः
अति - अत्यधिक
बद - बदबू
नि - नियम
अप - अपमान
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